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Sunday 5 May 2013

तूफान जब बैठा हुआ हो नाव में...

झारखंड हिंदी साहित्य विचार मंच ने किया कवि गोष्ठी का आयोजन

‘झारखंड के शब्द शिल्पी’ पुस्तक के प्रकाशन के संबंध में चर्चा की गई

गीतकार राम कृष्ण उन्नयन के निधन पर मौन रख कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया

मंच की कुछ मांगों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिश की जाएगी

प्रणव प्रियदर्शी
रांची : धूप की अटखेलियों से परेशान हो भावनाओं की छांव की तलाश में रविवार को साहित्य प्रेमियों का जमघट प्रभात टॉवर में लगा। कवियों के बीच बैठे-बैठे लोग कब छांव को भी पीछे छोड़ चले, मुड़ कर देखने की फूर्सत नहीं बची थी। काव्य गोष्ठी नवोदित रचनाकारों से शुरू होकर वरिष्ठ रचनाकारों तक पहुंची। इस दरमियान पहचानो खुद को... नारी का सम्मान करो.. जैसी रचनाएं कवयित्री गौरी ने सुनायी। ललन चतुर्वेदी ने बदलते चेहरे की भावभंगिमा को काव्य शिल्प में पिरोकर सभी के सम्मुख रखा। धीरेंद्र विद्यार्थी ने ‘तूफान जब बैठा हो नाव में’ जैसी कविता सुना कर खूब तालियां बटोरी। शेली ने ‘किसने घर उजाड़ा मेरा’ जैसी संवेदनशील कविता से सभी को मोहित किया। प्रणव प्रियदर्शी वक्त की विडंबनाओं पर कविताओं में अपनी बात रखी- ‘बेजार होती जिंदगी/कहीं सिक्के की तरह/वक्त की कीमत भी न घटा दे।’ इनके अतिरिक्त डॉ. नीलम, डॉ. बसुदेव, डॉ अंजेश, सियाराम झा सरस, कुमार बृजेंद्र, प्रवीण परिमल, शंभु श्रीवास्तव, धीरेंद्र विद्यार्थी, कन्हैयालाल ओझा, कलावंती सुमन और बीना श्रीवास्तव आदि ने भी काव्य पाठ किया।
इससे पहले कार्यक्रम के प्रथम सत्र में डॉ दिग्विजय सहाय की अध्यक्षता में झारखंड के साहित्यकारों का परिचय कोश ‘झारखंड के शब्द शिल्पी’ पुस्तक के प्रकाशन के संबंध में चर्चा की गई। इस दौरान सर्व प्रथम कवि गीतकार राम कृष्ण उन्नयन के निधन पर दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। उनके कृतित्व व व्यक्तित्व की जानकारी कामेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव निरंकुश ने दी। उन्होंने कहा कि राम कृष्ण का निधन साहित्य जगत की अपूर्णनीय क्षति है। इसके साथ ही झारखंड के साहित्यकारों में चर्चित विदुषी कवयित्री डॉ लक्ष्मी विमल की तबीयत अचानक बिगड़ जाने के कारण उनके स्वस्थ होने की कामना भी ईश्वर से की गई। मंच की तरफ से साहित्य अकादमी का गठन करने, राधाकृष्ण पुस्तकालय स्थापित करने, चर्चित साहित्यकारों की जयंती मनाने संबंधी मांग पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने की पुन: कोशिश करने की बात कही गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि उपस्थित साहित्कार सम्पर्क अभियान के द्वारा अनेय साहित्यकारों से संपर्क कर प्रस्तावित परफार्मा भरवाकर तस्वीर के साथ कार्यालय में जमा करें, ताकि रांची जिला के हिंदी साहित्यकारों की परिचय पुस्तिका ‘झारखंड के शब्द शिल्पी’ का प्रकाशन यथाशीघ्र किया जा सके। कार्यक्रम

के दोनों सत्रों का संचालन विजय रंजन ने किया।

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